शब्द का अर्थ
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उपकुर्वाण :
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भू० कृ० [सं० उप√कृ+शानच्] वह ब्रह्मचारी जो स्वाध्याय पूरा करके गृहस्थाश्रम में प्रवेश कर रहा हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपकुर्वाण :
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भू० कृ० [सं० उप√कृ+शानच्] वह ब्रह्मचारी जो स्वाध्याय पूरा करके गृहस्थाश्रम में प्रवेश कर रहा हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |