शब्द का अर्थ
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औघ :
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पुं० [सं० ओघ+अण्] पानी की प्लावन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
औघट :
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वि०=अवघट।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
औघड़ :
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वि० [सं० अवघट] १. अनगढ़ और भद्दा। अंड-बंड। २. अनोखा। विलक्षण। वि०=औझड़। पुं०=अघोर पंथ का अनुयायी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
औघर :
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वि०=औघड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
औघाई :
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स्त्री०=ऊँघ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
औघी :
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स्त्री० [?] वह स्थान जहाँ घोड़ों को निकालने (चलना सिखाने) के लिए चक्कर दिया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
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औघूरना :
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अ० [सं० अव+घूर्णन] चक्कर खाना। उदाहरण—घर लागै औघूरि कहे मन कहा बँधावे।—सूर। |
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समानार्थी शब्द-
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