शब्द का अर्थ
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अपौरुष :
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पुं० [सं० न० त०] १. पौरुष अर्थात् मनुष्यता या वीरता आदि का अभाव। २. ऐसा लोकोत्तर गुण या शक्ति जो साधारण मुनुष्यों में न होती हो। वि० [न० ब०] १. जो मनुष्यों का सा न हो। २. लोकोत्तर गुणों से युक्त। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अपौरुषेय :
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वि० [सं० न० त०] [भाव० अपौरुषेयता] १. जो पौरुषेय या मनुष्य का बनाया हुआ न हो, बल्कि ईश्वर या देवताओं का बनाया हुआ हो। २. (कार्य) जो मनुष्य की शक्ति से बाहर हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |