शब्द का अर्थ
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कलाव :
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पुं०=कलावा। |
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समानार्थी शब्द-
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कलावंत :
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पुं० [सं० कलावान्] १. वह व्यक्ति जो किसी कला का अच्छा ज्ञाता या विशेषज्ञ हो। २. वह व्यक्ति जो कोई काम बहुत ही कलापूर्ण ढंग से करता हो। ३. मध्य युग के बहुत बड़े तथा प्रसिद्ध गवैये अथवा उनके वंशज। ४. कलाबाज। |
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कलावती :
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स्त्री० [सं० कला+मतुप्, ङीष्, वत्व] १. तुंबरु नामक गंधर्व की वीणा का नाम। २. तंत्र में एक प्रकार की दीक्षा। ३. गंगा का एक नाम। स्त्री० [हिं० कल (पानी की)] पानी की कल या उसमें से आनेवाली जलराशि। (परिहास) जैसे—कलावती में होनेवाला स्नान। |
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कलावा :
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पुं० [सं० कलापक, प्रा० कलावअ] [स्त्री० अल्पा० कलाई] १. सूत का लपेटा हुआ लच्छा। २. लाल, पीले आदि रंगों से रँगा हुआ सूत का डोरा या लच्छा जो मांगलिक अवसरों पर हाथ की कलाई में तथा घड़े आदि कुछ वस्तुओं पर बाँधा जाता है। ३. वह रस्सी जो हाथी के गले में पड़ी रहती है और जिसमें पैर फँसा कर महावत उसे हाँकते हैं। |
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कलावान (वत्) :
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वि० [सं० कला+मतुप्] [स्त्री० कलावती] किसी अथवा कई कलाओं का अच्छा ज्ञाता (व्यक्ति)। |
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कलाविक :
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पुं० [सं० कल-आ-वि√कै (शब्द)+क] मुर्गा। |
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