शब्द का अर्थ
|
किस्त :
|
स्त्री० [अ० किस्त] १. ऋण के भुगतान करने की वह प्रणाली जिसके अनुसार ऋणी को कुछ निश्चित अवधियों में ऋण को बराबर कई खंडों में चुकाना पड़ता है। २. ऋण या देय का उतना अंश जितना किसी एक अवधि में चुकाया या दिया जाय या चुकाये जाने को हो। ३. किसी वस्तु की प्राप्य कुल मात्रा का वह अंश जो किसी एक अवधि या समय में दिया या लिया जाय। (इन्स्टालमेन्ट)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किस्तबंदी :
|
स्त्री० [फा०] किस्त के रूप में अर्थात् कई बार में थोड़ा-थोड़ा करके देन आदि चुकाने या वसूल करने की प्रणाली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किस्तवार :
|
क्रि० वि० [फा०] १. किस्तों के रूप में। किस्त-किस्त करके। २. हर किस्त पर अलग-अलग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
किस्ती :
|
वि० [अ०] किस्त-संबधी, किस्त का। स्त्री० दे० ‘किस्त’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |