शब्द का अर्थ
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कौआ :
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पुं० [सं० काक, प्रा० काअ] १. काले रंग का एक प्रसिद्ध पक्षी जो काँ काँ करता है। पद—कौआ गुहार या कौआ रोर=(क) व्यर्थ की बकबक। (ख) बहुत सोर। मुहावरा—कौआ उड़ाना=कही बैठे हुए कौए को उड़ाकर किसी प्रिय के आने या न आने का शकुन देखना। कौए उड़ाना=व्यर्थ के या अनावश्यक कार्य करना। २. बहुत चालाक तथा धूर्त व्यक्ति। चालबाज। ३. छाजन की वह लकड़ी, जो बँडेरी के सहारे के लिए लगाई जाती है। ४. गले के अन्दर का लटकता हुआ मास का छोटा टुकड़ा। घंटी। ललरी। अलिजिह्वा। मुहावरा—कौआ उठाना=बढ़ी या अधिक बढ़ी या लटकी हुई घंटी को दबाकर ऊपर चढ़ाना। ५. कनकुटकी नामक पेड़, जिसकी राल दवा और रँगाई के काम आती है। ६. सरकंडे का बना हुआ एक प्रकार का खिलौना। ७. एक प्रकार की मछली। ८. रहस्य संप्रदाय में मन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कौआ-ठोंठी :
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स्त्री० [हिं० कौआ+ठोंठ=चोच] एक लता, जिसका फल कौए की चोंच के आकार का होता है। |
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कौआ-परी :
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स्त्री० [हिं०] कुरूप या काली स्त्री। |
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कौआना :
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अ० [हिं० कौआ] १. कौओं की तरह काँव-काँव करना। व्यर्थ शोर या हल्ला करना। २. सोते समय नींद में बड़बड़ाना। ३. चकित या भौंचक्का होना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कौआर :
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पुं० [हिं० कौआ+सं० रव-शब्द] १. कौओं का काँव-काँव शब्द। २. शोर-गुल। |
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कौआल :
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पुं० [अ० कव्वाल] कौवाली गानेवाला व्यक्ति।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कौआली :
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पुं०=कौवाली (गीत)। |
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