शब्द का अर्थ
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निरस :
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वि० [हिं० नि+रस] १. जिसमें रस न हो। रस से रहित। २. जिसमें कोई स्वाद न हो। फीका। ३. किसी की तुलना में घटकर या हीन। ४. रूखा। सूखा। ५. विरक्त। पुं०=निरसन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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निरसंक :
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वि०=निःशंक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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निरसन :
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पुं० [सं० निर्√अस् (फेंकना)+ल्युट्–अन] [भू० कृ० निरसित, निरस्त, वि० निरस्य] १. दूर करना। हटाना। २. साधिकार पहले का निश्चय या आज्ञा आदि रद करना। (कैन्सिलेशन, रिपील, रिसाइडिंग)। ३. रद करने का अधिकार या शक्ति। ४. निराकरण। परिहार। ५. नाश। ६. वध। ७. बाहर करना। निकालना। (डिसचार्ज) |
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निरसा :
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स्त्री० [सं० नि-रस, ब० स०, टाप्] एक प्रकार की घास जो कोंकण देश में होती है। वि०=निरस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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निरसित :
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भू० कृ०=निरस्त। |
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निरस्त :
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भू० कृ० [सं० निर्√अस्+क्त] जिसका निरसन हुआ हो। (सभी अर्थों में) |
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निरस्त्र :
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वि० [सं० निर्–अस्त्र, ब० स०] १. जिसके पास अस्त्र न हो। अस्त्ररहित। उदा०–प्रेम शक्ति से चिर निरस्त्र हो जावेगी पाशवता।–पंत। २. जिससे अस्त्र छीन या ले लिया गया हो। (अन-आर्मड) |
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निरस्त्रीकरण :
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पुं० [सं० निरस्त्र+च्चि, इत्व, दीर्घ√कृ+ल्युट्–अन] [भू० कृ० निरस्त्रीकृत] १. अस्त्रों से रहित करना। २. आधुनिक राजनीति में, परस्पर युद्ध की संभावना कम करने के लिए आविष्कृत एक उपाय जिसके अनुसार देश की सेना या सैनिक बल कम किया जाता है जिससे उसमें युद्ध करने की समर्थता घट जाय। (डिस–आर्मामेंट) |
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निरस्त्रीकृत :
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भू० कृ० [सं० निरस्त्र+च्वि, √कृ+क्त] (देश या सैनिक) जो अस्त्रहीन कर दिया गया हो। |
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निरस्थि :
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वि० [सं० निर्-अस्थि, ब० स०] जिसमें हड्डी न हो अथवा जिसमें से हड्डी निकाल दी गई हो। |
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निरस्य :
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वि० [सं० निर्√अस्+यत्] जिसका निरसन होने को हो या किया जा सके। |
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