शब्द का अर्थ
|
पटान :
|
स्त्री० [हिं० पाटना] १. पाटने की क्रिया या भाव। २.=पाटन। स्त्री० [हिं० पटाना] (ऋण,देन आदि) पटाने अर्थात् चुकता करने की क्रिया या भाव। पटाई। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पटाना :
|
स० [हिं० पाटने का प्रे०] [भाव० पटाई] १. गड्ढा आदि पाटने में किसी को प्रवृत्त करना। २. किसी से छाजन आदि डलवाना। अ० १. पाटा जाना। पटना। २. कम होना। घटना। जैसे—रोग या सूजन पटाना। ३.शांत और स्थिर होना। (पूरब)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स० [हिं० पटना का स०] १. ऐसा काम करना जिससे कोई क्रिया संपन्न होती हो अथवा कोई बात तय या हल होती हो। जैसे—(क) ऋण पटाना। (ख) सौदा पटाना। २. बात-चीत के द्वारा किसी को अपने अनुकूल करके क्रय-विक्रय, लेन-देन समझौता आदि करने के लिए राजी करना। जैसे—ग्राहक या यजमान पटाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |