शब्द का अर्थ
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परग :
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पुं० [सं० पदक] पग। डग। कदम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परगट :
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वि०=प्रकट। |
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समानार्थी शब्द-
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परगटना :
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अ० [हिं० प्रकट] प्रकट या जाहिर होना। स० प्रकट या जाहिर करना। |
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समानार्थी शब्द-
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परगन :
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पुं०=परगना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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परगना :
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पुं० [फा० मि० सं० परिगण=घर] किसी जिले का वह भू-भाग जिसके अंतर्गत बहुत से ग्राम हों। |
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समानार्थी शब्द-
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परगनी :
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स्त्री०=परगहनी। |
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समानार्थी शब्द-
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परगसना :
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अ० [सं० प्रकाशन] प्रकाशित होना। प्रकट होना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
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परगह :
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पुं०=पगहा (पघा)। |
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परगहनी :
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स्त्री० [सं० प्रग्रहण] सुनारों का नली के आकार का एक औजार जिसमें करछी की-सी डाँडी लगी होती है। परगनी। |
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परगहा :
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पुं० [सं० प्रग्रहण] वास्तु-कला में एक प्रकार का अलंकरण या साज जो खंभों पर बनाया जाता है। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परगाछा :
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पुं० [हिं० पर+गाछा=पेड़] १. एक प्रकार की परजीवी वनस्पति जो प्रायः गरम देशों में दूसरे पेड़ों पर उग आती है और उन्हीं पेड़ों के रस से अपना पोषण करती है। बंदाक। बाँदा। २. परजीवी पौधों का वर्ग। |
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परगाछी :
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स्त्री० [हिं० परगाछा] अमरबेल। आकाशबौंर। |
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परगाढ़ :
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वि०=प्रगाढ़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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परगासना :
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अ० [हिं० परगसना] प्रकाशित होना। स० प्रकाशित करना। |
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परगासा :
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पुं०=प्रकाश।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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