शब्द का अर्थ
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परचाना :
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स० [हिं० परचना का स०] १. किसी को परचने में प्रवृत्त करना। ऐसा काम करना जिससे कोई परच जाय। २. किसी से हेल-मेल बढ़ाकर या लोभ दिखाकर उससे घनिष्ठता स्थापित करना। उसके मन का खटका या भय दूर करना। जैसे—किसी को दो-चार बार कुछ खिला या देकर परचाना। संयो० क्रि०—लेना। स० १.=चलाना। २.=सुलगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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