शब्द का अर्थ
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परिशोध :
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पुं० [सं० परि√शुध् (शुद्ध करना)+घञ्] १. अच्छी तरह शुद्ध करना या बनाना। २. ऋण, देन आदि का चुकाया जाना। (रिपेमेंट) ३. किसी से चुकाया जानेवाला बदला। उपकार के बदले में किया जानेवाला अपकार। प्रतिशोध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिशोध :
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पुं० [सं० परि√शुध् (शुद्ध करना)+घञ्] १. अच्छी तरह शुद्ध करना या बनाना। २. ऋण, देन आदि का चुकाया जाना। (रिपेमेंट) ३. किसी से चुकाया जानेवाला बदला। उपकार के बदले में किया जानेवाला अपकार। प्रतिशोध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिशोधन :
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पुं० [सं० परि√शुध्+ल्युट्—अन] [वि० परिशोधनीय, भू० कृ० परिशोधित] १. ऐसी क्रिया करना जिससे कोई चीज अच्छी तरह शुद्ध हो कर श्रेष्ठ अवस्था में आजा वे। (रेक्टिफिकशेन) २. ऋण देन आदि चुकता करने की क्रिया या भाव। ३. प्रतिशोधन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
परिशोधन :
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पुं० [सं० परि√शुध्+ल्युट्—अन] [वि० परिशोधनीय, भू० कृ० परिशोधित] १. ऐसी क्रिया करना जिससे कोई चीज अच्छी तरह शुद्ध हो कर श्रेष्ठ अवस्था में आजा वे। (रेक्टिफिकशेन) २. ऋण देन आदि चुकता करने की क्रिया या भाव। ३. प्रतिशोधन। |
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समानार्थी शब्द-
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