शब्द का अर्थ
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पलीता :
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पुं० [फा० फलीतः या फलीता (अशुद्ध किंतु उर्दू में प्रचलित रूप)] [स्त्री० अल्पा० पलीती] १. चिराग की बत्ती। २. बत्ती के आकार का बारूद लगा हुआ एक छोटा डोरा जो पटाखों आदि में लगा रहता है, और जिसके सुलगाये जाने पर पटाखा चलता है। मुहा०—मलीता लगाना=ऐसी बात कहना जिससे लोग परस्पर झगड़ने या लड़ने-भिड़ने लग जायँ। ३. नारियल, वट आदि की छाल या रेशों को कूट और बटकर बनाई हुई वह बत्ती जिससे बंदूक या तोप के रंजक में आग लगाई जाती है। क्रि० प्र०—दागना।—देना।—लगाना। मुहा०—पलीता चटाना=तोप या बंदूक में उक्त प्रकार का पलीता रखकर जलाना। ४. बत्ती के आकार में लपेटा हुआ वह कागज जिस पर कोई मंत्र लिखा हो। यह प्रायः भूत-प्रेत आदि की बाधा दूर करने के लिए टोने के रूप में जलाया जाता है। क्रि० प्र०—जलाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पलीता :
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पुं० [फा० फलीतः या फलीता (अशुद्ध किंतु उर्दू में प्रचलित रूप)] [स्त्री० अल्पा० पलीती] १. चिराग की बत्ती। २. बत्ती के आकार का बारूद लगा हुआ एक छोटा डोरा जो पटाखों आदि में लगा रहता है, और जिसके सुलगाये जाने पर पटाखा चलता है। मुहा०—मलीता लगाना=ऐसी बात कहना जिससे लोग परस्पर झगड़ने या लड़ने-भिड़ने लग जायँ। ३. नारियल, वट आदि की छाल या रेशों को कूट और बटकर बनाई हुई वह बत्ती जिससे बंदूक या तोप के रंजक में आग लगाई जाती है। क्रि० प्र०—दागना।—देना।—लगाना। मुहा०—पलीता चटाना=तोप या बंदूक में उक्त प्रकार का पलीता रखकर जलाना। ४. बत्ती के आकार में लपेटा हुआ वह कागज जिस पर कोई मंत्र लिखा हो। यह प्रायः भूत-प्रेत आदि की बाधा दूर करने के लिए टोने के रूप में जलाया जाता है। क्रि० प्र०—जलाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |