शब्द का अर्थ
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पश्च-दर्शन :
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पुं० [सं० स० त०] १. पीछे की ओर मुड़कर देखना। २. पिछली या बीती हुई बातें याद करके उन पर विचार करना। (टिट्रस्पेक्शन) ३. विशिष्ट आत्मिक शक्ति की सहायता से ऐसी पुरानी घटनाएँ, बातें, व्यक्तियों की आकृतियाँ आदि आँखों के सामने देखना जो कभी देखी न हों। ‘पूर्व दर्शन’ का विपर्याय। (रिट्रो-कॉग्निशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पश्च-दर्शन :
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पुं० [सं० स० त०] १. पीछे की ओर मुड़कर देखना। २. पिछली या बीती हुई बातें याद करके उन पर विचार करना। (टिट्रस्पेक्शन) ३. विशिष्ट आत्मिक शक्ति की सहायता से ऐसी पुरानी घटनाएँ, बातें, व्यक्तियों की आकृतियाँ आदि आँखों के सामने देखना जो कभी देखी न हों। ‘पूर्व दर्शन’ का विपर्याय। (रिट्रो-कॉग्निशन) |
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समानार्थी शब्द-
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