शब्द का अर्थ
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पीपर :
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पुं०=पीपल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीपर :
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पुं०=पीपल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीपर-पर्न :
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पुं० [हिं० पीपल+सं० पर्ण=पत्ता] १. पीपल का पत्ता। २. कान में पहनने का एक आभूषण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीपर-पर्न :
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पुं० [हिं० पीपल+सं० पर्ण=पत्ता] १. पीपल का पत्ता। २. कान में पहनने का एक आभूषण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीपरा-मूल :
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पुं० [सं० पिप्पलीमूल] पीपल नामक लता की जड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीपरा-मूल :
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पुं० [सं० पिप्पलीमूल] पीपल नामक लता की जड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीपरि :
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पुं० [सं० अपि√पृ (बचाना)+इन्, अकार-लोप, दीर्घ] छोटा पाकर वृक्ष। पुं०=पीपल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [सं० पिप्पली] एक लता जिसके फल और जड़े औषध के काम आती हैं। इस लता के पत्ते पान के पत्तों की तरह परन्तु कुछ छोटे, अधिक नुकीले तथा अधिक चिकने होते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पीपरि :
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पुं० [सं० अपि√पृ (बचाना)+इन्, अकार-लोप, दीर्घ] छोटा पाकर वृक्ष। पुं०=पीपल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [सं० पिप्पली] एक लता जिसके फल और जड़े औषध के काम आती हैं। इस लता के पत्ते पान के पत्तों की तरह परन्तु कुछ छोटे, अधिक नुकीले तथा अधिक चिकने होते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |