शब्द का अर्थ
|
पुद्गल :
|
पुं० [सं० पुत-गल, कर्म० स०] १. जैन शास्त्रानुसार ६ द्रव्यों में से एक। स्पर्श, रस और वर्णवाला अर्थात् रुपवान् पदार्थ। २. देह। शरीर। (बौद्ध)। ३. परमाणु ४. आत्मा। ५. गंधतृण। ६. शिव। वि० सुन्दर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुद्गल :
|
पुं० [सं० पुत-गल, कर्म० स०] १. जैन शास्त्रानुसार ६ द्रव्यों में से एक। स्पर्श, रस और वर्णवाला अर्थात् रुपवान् पदार्थ। २. देह। शरीर। (बौद्ध)। ३. परमाणु ४. आत्मा। ५. गंधतृण। ६. शिव। वि० सुन्दर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुद्गलास्तिकाय :
|
पुं० [पुद्गल-अस्तिकाय, ष० त०] जैनों के अनुसार पाँच प्रकार के द्रव्यों में से एक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुद्गलास्तिकाय :
|
पुं० [पुद्गल-अस्तिकाय, ष० त०] जैनों के अनुसार पाँच प्रकार के द्रव्यों में से एक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |