शब्द का अर्थ
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पेशा :
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पुं० [फा० पेशः] १. वह कार्य, सेवा या व्यवसाय जो जीविका-उपार्जन का साधन हो। व्यवसाय। (प्रोफेसन)। २. वेश्यावृत्ति। मुहा०—पेशा कमाना=स्त्री का व्यभिचार के द्वारा धन कमाना। ३. समस्त पदों के अन्त में, वह जिसका पेशा अमुक (पूर्वपद में उल्लिखित) हो। जैसे—नौकरी-पेशा। |
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समानार्थी शब्द-
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पेशानी :
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स्त्री० [फा०] १. ललाट। भाल। मस्तक। माथा। २. प्रारब्ध। भाग्य। (क्व०) ३. किसी पदार्थ का अगला और ऊपरी भाग। |
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पेशाब-खाना :
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पुं० [फा०] पेशाब करने के लिए बनाया हुआ स्थान। |
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पेशाबी :
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पुं० [फा०] १. मूत। मूत्र। मुहा०—(किसी चीज पर) पेशाब करना=बहुत ही तुच्छ या हेय समझना। (धन) पेशाब के रास्ते बहाना=लैंगिक भोग-विलास में नष्ट होना। बहुत अधिक भयभीत होने के लक्षण प्रकट करना। (किसी के देखकर) पेशाब बन्द होना=अत्यन्त भयभीत हो जाना। (किसी के) पेशाब से चिराग जलना=किसी का अत्यन्त प्रभावशाली और वैभवशाली होना। २. पुरुष की धातु। वीर्य। ३. औलाद। संतान। |
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पेशावर :
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वि० [फा० पेशःवर] १. जो कोई पेशा करता हो। २. (व्यक्ति) जिसने किसी परोपकार या लोक-रंजन के काम को ही पेशा बना लिया हो। जैसे—पेशावर शायर। ३. (स्त्री) जो व्यभिचार के द्वारा जीविका उपार्जन करे। पुं० [सं० पुरुष पुर] अखंड भारत की उत्तर पश्चिमी सीमा का एक प्रसिद्ध नगर जो अब पाकिस्तान में चला गया है। |
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