शब्द का अर्थ
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पौंड :
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पुं०=पाउन्ड (अंग्रेजी सिक्का)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पौंड़ना :
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अ०=पौडना (तैरना)। |
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पौंडरीक :
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पुं० [सं० पुंडरीक+अण्] १. स्थलपद्म। पुंडरीक। २. एक प्रकार का कुष्ठ रोग जिसमें कमल के पत्ते के रंग का-सा वर्ण हो जाता है। ३. एक प्रकार का यज्ञ। |
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पौंडर्य्य :
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पुं० [सं० पुण्डर्य+अण्] स्थलपद्म। |
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पौंड़ा :
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पुं०=पौढ़ा (गन्ना)। |
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पौंड़ी :
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स्त्री०=पौंरी। |
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पौंड्र :
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वि० [सं० पुण्ड्र+अण्] पुंड्र देश का। पुं० १. पुंड्र देश का निवासी। २. पुंड्र देश का बना रेशमी जो किसी समय बहुत प्रसिद्ध था। ३. भीमसेन के शंख का नाम। ४. मनु के अनुसार एक प्राचीन जाति जो पहले क्षत्रिय थी पर पीछे संस्कार भ्रष्ट होकर वृषल हो गई थी। ५. दे० ‘पौंड्रक’। |
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पौंड्रक :
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पुं० [सं० पुण्ड्रक+अण्] एक प्रकार का मोटा गन्ना। पौंढ़ा। २. पुंड्र नामक प्राचीन जाति। ३. पुंड्र देश का एक राजा जो जरासंध का संबंधी था; और जिसे लोग मिथ्या वासुदेव भी कहते थे। |
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पौंड्रिक :
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पुं० [सं० पुण्ड्र+ठञ्—इक] १. मोटा गन्ना। पौढ़ा। २. लवा नामक पक्षी। ३. पुंड्र नामक देश। ४. एक गोत्र-प्रवर्त्तक ऋषि। |
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