शब्द का अर्थ
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भग्न :
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वि० [सं०√भज् (टूटना)+क्त] १. टूटा हुआ। खंडित। २. हारा हुआ। पराजित। पुं० दे० ‘विभंग’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भग्न-दूत :
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पुं० [सं० कर्म० स०] प्राचीन भारत में रणक्षेत्र से हारकर बागी हुई सेना जो राजा के पराजय को समाचार देने आती थी। |
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भग्न-पाद :
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पुं० [सं० ब० स०] फलित ज्योतिष में पुनर्वस,उत्तराषाढ़ कृतिका, उत्तरा फाल्गुनी, पूर्वभाद्रपद और विशाखा ये छह नक्षत्र जिनमें से किसी एक मनुष्य के मरने से प्रिपाद दोष लगता है और धर्मशास्त्र के अनुसार जिसकी सान्ति करना आवश्यक होता है। |
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भग्न-मना (नस्) :
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वि० [सं० ब० स०] जिसका मान टूट गया हो। हतोत्साह। |
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भग्न-मान :
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वि० [सं० ब० स०] जिसका मान नष्ट हो चुका हो। तिरस्कृत। |
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भग्नात्मा (त्मन्) :
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पुं० [भगन्-आत्मन्, ब० स] चन्द्रमा। |
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भग्नावशेष :
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पुं० [सं० भग्न-अवेशष, ष० त०] १. किसी टूटी-फूटी चीज के बचे हुए टुकड़े। २. किसी टूटे-फूटे मकान या उजड़ी हुई बस्ती का बचा हुआ अंश। खँडहर। |
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भग्नांश :
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पुं० [सं० भग्न-अंश० कर्म० स०] मूल द्रव्य का कोई अलग किया हुआ भाग का अंश। |
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