शब्द का अर्थ
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भटक :
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स्त्री० [हिं० भटकना] भटकने की क्रिया दशा या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटकन :
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स्त्री० [हिं० भटकना] भटकने की क्रिया या भाव। भटक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटकना :
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अ० [सं० भ्रम] १. व्यर्थ इधर-उधर घूमते-फिरते रहना। २. ठीक रास्ता भूल जाने पर इधर-उधर घूम-फिरकर उसे ढूँढ़ते फिरना। ३. धोखे या भ्रम में पड़कर निश्चित तत्त्व तक न पहुंचना। ४. मन या विचार का शान्त न रहकर इधर-उधर जाते फिरना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटका :
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पुं० [हिं० भटकना] १. व्यर्थ घूमने की क्रिया। २. चक्कर। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटकाई :
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स्त्री०=भट-कटैया। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटकान :
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स्त्री०=भटकन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटकाना :
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स० [हिं० भटकना का स०रूप] किसी को भटकने में प्रवृत्त करना। ऐसा काम या बात करना जिससे कोई भटके। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटकैया :
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पुं० [हिं० बटकना+ऐया (प्रत्यय)] १. भटकनेवाला। २. भटकानेवाला। स्त्री०=भट-कटैया। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भटकौहाँ :
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वि० [हिं० भटकना+औहाँ (प्रत्यय)] १. भटकता रहनेवाला। २. भटकानेवाला। भुलावे में डालनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |