शब्द का अर्थ
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भूख :
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स्त्री० [सं० बुभुक्षा] पेट खाली होने पर अन्न आगि भक्षण करने की तीव्र इच्छा। मुहा०—भूख मरना=(क) ऐसी शारीरिक स्थिति उत्पन्न होना जिसमें पूरी भूख न लगती हो और फलतः उचित मात्रा में भोजन किया जा सकता हो। (ख) इच्छा न रहना। भूख लगना=भोजन करने की आवश्यकता प्रतीत होना। कुछ खाने की जी चाहना। भूखों मरना=(क) भोजन के अभाव में भूख से व्याकुल होकर मरना। (ख) भोजन के लिए मारे मारे फिरना। २. कोई चीज पाने या लेने की आवश्यकता और इच्छा। (व्यापारी) जैसे—जितनी भूख होगी, उतना माल खरीद लेंगे। ३. अवकाश। गुंजाइश। समाई। ४. कोई चीज प्राप्त करने की उत्कट इच्छा। उदा०—मेरे मन में स्त्री की भूख जाग उठती थी।—अमृतलाल नागर। |
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समानार्थी शब्द-
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भूखंड :
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पुं० [सं० ष० त०] १. भूमि का कोई टुकड़ा। २. पृथ्वी का कोई खंड या विभाग। (ट्रैक्ट) |
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भूखण, भूखन :
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पुं०=भूषण। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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भूखना :
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स० [सं० भूषण] भूषित करना। सुसज्जित करना। सजाना। अ० भूषित होना। सजना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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भूखर :
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स्त्री० [हिं० भूख] १. भूख। क्षुधा। २. इच्छा। कामना। |
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भूखरी :
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स्त्री० [मध्य० स०] छोटी खजूर। |
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भूखा :
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वि० [हिं० भूख] १. जिसे भूख लगी हो। २. उत्कट इच्छुक या याचक। जैसे—प्यार का भूखा। ३. दरिद्र। |
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भूखा-नंगा :
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वि० [हिं०] अन्न-वस्त्र के कष्ट से पीड़ित और दरिद्र। |
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भूखा-प्यासा :
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वि० [हिं०] जिसे भूख तथा प्यास लगी हो। क्षुधित-तृषित। |
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