शब्द का अर्थ
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मल्लि :
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पुं० [सं०√मल्ल+इन] जैनों के एक जिन। स्त्री०=मल्लिका। |
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समानार्थी शब्द-
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मल्लि-गंधि :
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पुं० [सं० ब० स, इत्व] अगर। |
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मल्लि-नाथ :
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पुं० [सं०] १. जैनियों के उन्नीसवें तीर्थकार का नाम। २. ई० १४ वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध टीकाकार। रघुवंश, कुमारसंभव, मेघदूत, नैषधचरित आदि अनेक ग्रंथों पर इन्होंने टीकाएँ लिखी थीं। |
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मल्लिक :
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पुं० [सं० मल्लि+कन्] १. एक प्रकार का हंस जिसकी चोंच तथा टाँगे भूरे रंग की होती है। २. जुलाहों की ढरकी। ३. माघ मास। पुं० =मलिक। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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मल्लिका :
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स्त्री० [सं० मल्लिक+टाप्] १. चमेली। २. एक प्रकार का बेला। ३. आठ अक्षरों का एक वर्णिक छन्द जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः एक-एक रगण, जगण गुरु और लघु होता है। ४. सुमुखी वृत्त का एक नाम। |
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मल्लिकाक्ष :
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पुं० [सं० मल्लिका-अक्षि, ब० स० षच्] १. एक प्रकार का घोड़ा जिसकी आँख पर सफेद धब्बे होते हैं। २. उक्त प्रकार का सफेद धब्बा। ३. एक प्रकार का हंस। मल्लिक। |
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मल्लिकार्जुन :
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पुं० [सं०] एक शिवलिंग जो श्रीशैल पर प्रतिष्ठित है। |
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