शब्द का अर्थ
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लाटी :
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स्त्री० [सं० लाट+अच्+ङीष्] संस्कृत साहित्य में रचना की वह विशिष्ट प्रणाली या शैली जो लाट तथा उसके आस-पास के देशों में प्रचलित थी और जो वैदर्भी तथा पांचाली के मध्य की रीति थी, और गौड़ी की ही तरह भयानक, रौद्र, वीर आदि उग्र रसों के लिए उपयुक्त मानी जाती थी। लाटिका। स्त्री० [अनु० लटलट=गाढ़ा या चिपचिपा होना।] वह अवस्था जिसमें मुँह थूक और होंठ सूख जाते हैं। क्रि० प्र०—लगना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
लाटीय :
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वि० [सं० लाट+छ-ईय] लाट नामक देश का। लाटक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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