शब्द का अर्थ
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व्याज-स्तुति :
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स्त्री० [सं० तृ० त०] १. ऐसी स्तुति जो व्याज या किसी बहाने से की जाय और ऊपर से देखने में स्तुति न जान पडे़ फिर भी उसकी स्तुति की हो। २. साहित्य में एक अलंकार जो उस समय माना जाता है जब कोई कथन अभिधा शक्ति की दृष्टि से निंदा सूचक होता है परन्तु जिसका वाक्यार्थ वस्तुतः स्तुतिपरक होता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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